भारत के उपराष्ट्रपति: The Vice-President of India in Hindi
Dear Readers,आज मैं Indian Polity के Chapter-12: भारत के उपराष्ट्रपति(The Vice-President of India)का Theory Part Hindi में share करने जा रहा हूं, जो आपके आने वाले SSC CGL, CHSL, CPO, MTS Exams के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे| इससे पहले मैं, Chapter 11: भारत के राष्ट्रपति(President of India in Hindi) का Theory Part and different-different Competitive Exams में इससे पूछे गए Objective Questions को share कर चुका हूं| यदि आपलोगों ने अभी तक नहीं पढ़ा है तो इसे पढ़ने के लिए निचे दिए गए Link को Click करे|
President of India in Hindi
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The Vice-President of India(भारत के उपराष्ट्रपति)
->अनुच्छेद 63 में उल्लेख किया गया है कि भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा|
->यह USA के संविधान से ली गई है|
->यह देश का दूसरा सर्वोच्च पद होता है|
->अनुच्छेद 64 में उल्लेख किया गया है कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होगा|
->अनुच्छेद 65 में उल्लेख किया गया कि उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा|
->अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति के निर्वाचन का उल्लेख किया गया है|
चुनाव प्रक्रिया:-
->उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा एवं राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा किया जाता है|
[Note:-राष्ट्रपति के चुनाव में मनोनीत सदस्य भाग नहीं लेते हैं ]
->उपराष्ट्रपति के चुनाव में राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग नहीं लेते हैं|
->उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के नाम का चुनाव प्रस्ताव निर्वाचक-मंडल के 20-सदस्यों द्वारा किया जाता है एवं इसका अनुमोदन अन्य 20 सदस्यों द्वारा किया जाता है तथा चुनाव की जमानत राशि ₹15000 है|
योग्यताएं:-
(1)वह भारत का नागरिक हो|
(2)उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष हो|
(3)वह राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की योग्यता रखता हो|
शर्त:-
(1)वह संघ सरकार अथवा राज्य सरकार के अधीन लाभ के पद पर ना हो|
(2)संसद के किसी सदन अथवा विधान सभा या विधान परिषद का सदस्य न हो|
शपथ:-
अनुच्छेद-69 में उपराष्ट्रपति की शपथ का उल्लेख किया गया है जिसके अंतर्गत-
->उपराष्ट्रपति को पद की शपथ राष्ट्रपति अथवा उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति द्वारा दिलाई जाती है|
अनुच्छेद-67 में उपराष्ट्रपति के कार्यकाल का उल्लेख है|
->समान्यत: उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है परंतु इससे पहले भी वह अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को सौंप सकते हैं|
->राष्ट्रपति इसकी सूचना राज्यसभा के उपसभापति को देता है|
अनुच्छेद-68 में उपराष्ट्रपति पद के खाली होने के संबंध में प्रावधान है|
उपराष्ट्रपति का पद विभिन्न कारणों से रिक्त हो सकता है:-
(1)कार्यकाल पूरा होने पर
(2)त्यागपत्र देने पर
(3)मृत्यु होने पर
(4)बर्खास्त करने पर
(5) निर्वाचन रद्द हो जाने पर
->कार्यकाल समाप्त होने पर उपराष्ट्रपति तब तक अपने पद पर बने रहेंगे जब तक नए उपराष्ट्रपति की नियुक्ति नहीं हो जाती है|
->उपराष्ट्रपति अपना त्यागपत्र लिखित रूप से राष्ट्रपति को सौंप सकते हैं एवं राष्ट्रपति इसकी सूचना राज्यसभा के उपसभापति को देगा|
->आकस्मिक परिस्थितियों (मृत्यु, त्यागपत्र, निष्कासन अथवा अन्य किसी कारण से) में उपराष्ट्रपति का पद खाली होने पर कोई भी उपराष्ट्रपति के पद पर कार्य नहीं कर सकता है| इस स्थिति में 6 महीने के भीतर रिक्त पद को भरना होता है|
->उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए महाभियोग की आवश्यकता नहीं होती है इसे राज्यसभा द्वारा संकल्प पारित कर पूर्ण बहुमत से हटाया जा सकता है किंतु इसके लिए लोकसभा की सहमति आवश्यक है|
अनुच्छेद-71 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में हुए विवादों की जांच का उल्लेख है|
->राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति चुनाव में हुए विवादों की जांच सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की जाएगी|
->यदि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चुनावों को अवैध घोषित कर दिया जाए तो उस दौरान किए गए कार्य वैध रहेंगे|
कार्य एवं शक्तियां
->उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है| वह राज्यसभा की बैठकों की अध्यक्षता करता है|
->वह राज्यसभा में आचरण के नियमों का पालन करवाता है|
->किसी प्रश्न पर मत विभाजन होने की स्थिति में वह मतों की गिनती करता है तथा परिणाम की घोषणा करता है|
->राज्यसभा में यदि किसी भी प्रस्ताव अथवा प्रश्न पर विवाद उठ जाए की उसे विचारार्थ स्वीकार किया जाए अथवा नहीं तो इसका निपटारा उपराष्ट्रपति अपने निर्णय से करता है|
->उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सदस्य नहीं होता है जिसके कारण उसे किसी प्रस्ताव अथवा विधेयक पर मतदान करने का अधिकार नहीं है किंतु यदि दोनों पक्षों को बराबर मत हो तो ऐसी स्थिति में उसे सभापति के रूप में निर्णायक मत देने का अधिकार प्राप्त है |
->जब उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है तब वह राष्ट्रपति को मिलने वाले वेतन तथा सभी सुविधाएं एवं समस्त शक्तियों का प्रयोग करता है तथा उस समय वह राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य नहीं कर सकता है|
Important Note:
->डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एवं मोहम्मद हामिद अंसारी ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें दो बार भारत का उपराष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ है|
->डॉ. एस. राधाकृष्णन, डॉ. जाकिर हुसैन, वी. वी. गिरि, आर. वेंकटरमन, डॉ. शंकर दयाल शर्मा और के. आर. नारायणन ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जो राष्ट्रपति भी रह चुके हैं|
->भारत के उपराष्ट्रपति डॉ. वी.वी. गिरि एवं बी. डी. जत्ती कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर चुके हैं|
->मोहम्मद हिदायतुल्ला एकमात्र ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने राष्ट्रपति(कार्यवाहक), उपराष्ट्रपति(1979-1984) व सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तीनों के कार्य किए हैं|
->उपराष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन, मोहम्मद हिदायतुल्ला एवं शंकर दयाल शर्मा निर्विरोध चुने गए थे|
->कृष्णकांत एकमात्र ऐसे उपराष्ट्रपति थे जिनकी कार्यकाल के दौरान मृत्यु हुई थी|
->भैरों सिंह शेखावत राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे| उपराष्ट्रपति के पद पर रहते हुए राष्ट्रपति का चुनाव हारे|
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