Indian Polity Hindi Notes For Civil Services, SSC, Bank, Railway Part-2

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Last updated on May 26th, 2020 at 03:19 pm

Indian Polity Hindi Notes For Civil Services, SSC, Bank, Railway Exam Part-2

1873 का चार्टर एक्ट

-> 1873 के एक्ट घोषणा की गई थी कि ईस्ट इंडिया कंपनी को किसी भी समय समाप्त किया जा सकता है|
-> 1876 के शाही उपाधि अधिनियम के तहत 28 अप्रैल,1876 को महारानी विक्टोरिया को भारत की साम्राज्ञी घोषित कर दिया गया |
-> 1882 में वायसराय लॉर्ड रिपन ने स्थानीय स्वशासन के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया जिसे स्थानीय स्वशासन का मैग्नाकार्टा (महान अधिकार पत्र )कहा जाता है | तथा लॉर्ड रिपन को भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक माना जाता है|

1892 का भारत शासन अधिनियम

-> इस अधिनियम के तहत विधान परिषद् की सदस्य संख्या 12 से बढाकर न्यूनतम 10 व अधिकतम 16 कर दी गई |
-> इस अधिनियम के तहत निर्वाचन व्यवस्था को अपनाया गया परन्तु यह पूर्णरुप से अप्रत्यक्ष चुनाव -प्रणाली था|
-> इस अधिनियम के तहत संसदीय शासन व प्रतिनिधि शासन की नीब रखी गई |
-> इस अधिनियम के तहत परिषद के अधिकारों में वृद्धि की गई तथा भारतीय सदस्यों को बजट पर बहस करने तथा प्रश्न पूछने का अधिकार दिया गया किन्तु मतदान करने या अनुपूरक प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं था |

भारत सरकार अधिनियम 1909 (मार्ले मिंटो सुधार अधिनियम)

-> इस अधिनियम को तत्कालीन भारतीय सचिव मार्ले तथा वायसराय मिंटो के नाम पर मार्ले मिंटो सुधार अधिनियम भी कहा जाता है|
-> इस अधिनियम के तहत पहली बार विधायी व प्रशासनिक दोनों कार्यो में भारतीयों को भागीदार बनाया गया|
-> प्रशासनिक कार्यो में भारतीयों को भागीदार बनाने के लिए वायसराय के कार्यकारिणि में प्रथम भारतीय सदस्य के रूप में “सत्येन्द्र प्रसाद सिन्हा” को शामिल किया गया जिसे विधि सदस्य बनाया गया |
-> भारतीय केन्द्रीय विधान परिषद् का नाम बदलकर औपनिवैशिक विधान परिषद् कर दिया गया तथा इसके सदस्यों की संख्या 16 से बढाकर 60 कर दी गई |
-> सम्प्रदाय को वैधानिक मान्यता प्रदान की गई |
-> मुसलमान के लिए पृथक मताधिकार तथा पृथक निर्वाचन क्षेत्र की व्यवस्था कर फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई गई |
-> साम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली का जनक लार्ड मिंटो को माना जाता है |
-> केन्द्रीय तथा प्रांतीय विधान परिषदों की शक्ति में वृद्धि करते हुए सदस्यों को बजट की विवेचना करने लोक महत्व के विषयों पर चर्चा करने तथा अनुपूरक प्रश्न पूछने का अधिकार प्रदान किया गया किंतु उन्हें बजट पर मतदान का अधिकार नहीं था |
-> पहली बार प्रत्यक्ष निर्वाचन को अपनाया गया तथा मताधिकार प्रदान किया गया परंतु मताधिकार के आधार भेदभाव पूर्ण थे |
-> मताधिकार का आधार सम्पत्ति, कर व उपलब्धियां थी |
-> K.M मुंशी इन्होंने उभरते हुए प्रजातंत्र को ही उखाड़ डाला |

1919 का भारत शासन अधिनियम (मांटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार )

-> इस अधिनियम का प्रमुख उद्देश्य भारत में उत्तरदाई शासन की स्थापना करना था जिसे ब्रिटिश सरकार ने पहली बार 20 अगस्त 1917 को घोषणा की थी |
-> इस अधिनियम के तहत पहली बार केंद्र में दो सदनीय विधानमंडल की स्थापना की गई |
        (1)विधान सभा (निम्न सदन)- विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 145 थी, जिनमें 104 निर्वाचित था तथा 41 मनोनीत होते थे एवं इनका कार्यकाल 3 वर्षों का था |
       (2)विधान परिषद (उच्च सदन)- विधान परिषद में कुल सदस्यों की संख्या 60 थी जिनमें 34 निर्वाचित था तथा 26 मनोनीत होते थे एवं उनका कार्यकाल 5 वर्षों का था |
-> प्रांतों में विधान परिषद के रूप में एक सदनीय विधानमंडल की स्थापना की गई, जिनमें बड़े प्रांतों के लिए इनकी सदस्य संख्या 140 व छोटे प्रांतों के लिए 60 निर्धारित की गई |
-> इनके 70% सदस्य निर्वाचित व 30% मनोनीत रखे गए |
-> पहली बार केंद्र व प्रांतों में दो सूचियों के माध्यम से शक्तियों का विभाजन किया गया |
       (1)संघीय सूची – संघीय सरकार
       (2)प्रांतीय सूची – प्रांतीय सरकार
-> इस अधिनियम के तहत प्रांतों में द्वैध शासन प्रणाली लागू किया गया | इस योजना के अनुसार प्रांतीय विषयों को दो उपवर्गों में विभाजित किया गया |
       (1)आरक्षित
       (2)हस्तांतरित
-> आरक्षित विषयों का प्रशासन गवर्नर जनरल तथा उसकी कार्यकारिणी परिषद हो सौंपा गया |
-> हस्तांतरित विषयों का प्रशासन गवर्नर जनरल द्वारा विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी भारतीय मंत्रियों की सहायता से किया जाता था |
-> आरक्षित विषय के अंतर्गत वित्त, भूमिकर,आकाल सहायता, न्याय, पुलिस, पेंशन, समाचारपत्र, सिंचाई, जल मार्ग, कारखाना, बिजली, गैस, श्रमिक कल्याण, औद्योगिक विवाद, छोटे बंदरगाह, और सार्वजनिक सेवाएं आदि जैसे विषय रखे गए |
-> हस्तांतरित विषय के अंतर्गत शिक्षा, पुस्तकालय, संग्रहालय, स्थानीय स्वायत्त शासन, चिकित्सा सहायता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, उद्योग, सार्वजनिक मनोरंजन पर नियंत्रण, धार्मिक आदि जैसे विषय रखे गए |
-> इस एक्ट में संघ लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान किया गया | इस आयोग का गठन 1984 में गठित ली कमीशन की सिफारिश पर 1926 में किया गया |
-> द्वैध शासन का प्रारंभ 1 अप्रैल 1921 को हुआ जिनके जन्मदाता लायोनिल कार्टिस थे |

Indian Polity Notes Part-1

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