Last updated on November 9th, 2023 at 01:38 am
भारत के राष्ट्रपति: President of India in Hindi
Dear Readers,आज मैं Indian Polity के Chapter-11:भारत के राष्ट्रपति(President of India)का Theory Part Hindi में share करने जा रहा हूं, जो आपके आने वाले SSC CGL, CHSL, CPO, MTS Exams के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे| इससे पहले मैं, Chapter 10: मौलिक कर्त्तव्य: Fundamental Duties का Theory Part and different-different Competitive Exams में मौलिक कर्त्तव्य(Fundamental Duties)से पूछे गए Objective Questions को share कर चुका हूं| यदि आपलोगों ने अभी तक नहीं पढ़ा है तो इसे पढ़ने के लिए निचे दिए गए Link को Click करे|
मौलिक कर्त्तव्य: Fundamental Duties
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President of India(भारत के राष्ट्रपति)
अनुच्छेद 52- में उल्लेख किया गया है कि भारत का एक राष्ट्रपति होगा|
->यह संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से ली गई हैं|
अनुच्छेद 53- में उल्लेख किया गया है कि केन्द्रीय कार्यपालिका की समस्त शक्तियां राष्ट्रपति में निहित होगी | लेकिन अनुच्छेद 74 में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि राष्ट्रपति अपनी कार्यपालिका शक्तियों का प्रयोग मंत्रिपरिषद की सहायता और मंत्रणा से ही करेगा|
निर्वाचन के लिए निर्वाचक मण्डल:-
अनुच्छेद 54- में राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए निर्वाचक मण्डल का उल्लेख किया गया है|
->यह व्यवस्था आयरलैंड के संविधान से ली गई हैं|
->राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधान सभाओ के केवल निर्वाचित सदस्य ही भाग ले सकते है|
->70 वें संविधान संशोधन 1992 के तहत दो संघ-राज्य दिल्ली और पुडुचेरी के निर्वाचित विधानसभा सदस्यों को भी राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने का अधिकार दिया गया|
(Note:-वर्तमान में लोकसभा में कुल 543 निर्वाचित सदस्य तथा राज्य सभा में कुल 233 निर्वाचित सदस्य और समस्त राज्यों की विधानसभाओं में कुल 4120 निर्वाचित सदस्य हैं|)
Election Process of President of India(भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन प्रक्रिया) :-
अनुच्छेद 55- में राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है|
->राष्ट्रपति के उमीदवार होने के लिए आवश्यक हैं , नामांकन के समय 15000 की धनराशि निर्वाचन अधिकारी के समक्ष जमा करना होता हैं तथा कम से कम 50 मतदाताओं द्वारा उसके नामांकन पत्र का प्रस्ताव किया जाना चाहिये एवं कम से कम 50 मतदाताओ द्वारा उसके नामांकन पत्र का समर्थन भी किया जाना चाहिए |
->राष्ट्रपति का निर्वाचन थॉमस हेयर द्वारा प्रतिपादित आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा किया जाता है| चूँकि लोकसभा और विधानसभा के सदस्य भिन्न-भिन्न जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं, अतः प्रत्येक का मत मूल्य भिन्न-भिन्न होता है|
->इस पद्धति के अनुसार प्रत्येक मतदाता (अर्थात लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य) राष्ट्रपति के सभी उम्मीदवारों को मत देगी लेकिन जिस उम्मीदवार को मतदाता पहले मत देगी उसकी वरीयता प्रथम होगी|
->मतगणना प्रथम वरीयता के आधार पर की जाती है|
->इस पद्धति के अंतर्गत सांसद और विधायकों का मत मूल्य भी निकाला जाता है|
->एक संसद के मतों का मूल्य = सभी राज्यों के विधायकों के मतों का कुल मूल्य/संसद का निर्वाचित सदस्य
->एक विधायक का मत मूल्य = राज्य की कुल जनसंख्या/राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या*1000
->सर्वाधिक मत मूल्य यूपी के MLA की है->208
->न्यूनतम मत मूल्य सिक्किम के MLA की है->7
->संसद का मत मूल्य->708
अनुच्छेद 56-में उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा , परन्तु इससे पहले भी वह उपराष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र दे सकता हैं |
-> उपराष्ट्रपति इसकी सूचना लोकसभा के अध्यक्ष को देता हैं |
अनुच्छेद-57 में उल्लेख किया गया है कि एक व्यक्ति कितनी भी बार राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हो सकता हैं |
योग्यता:-
अनुच्छेद-58 में योग्यता का उल्लेख किया गया हैं जिसके अंतर्गत
->वह भारत का नागरिक हो |
->उसकी उम्र 35 वर्ष हो |
->वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो |
शर्त:-
अनुच्छेद-59 में शर्त का उल्लेख किया गया हैं जिसके अंतर्गत
-> चुनाव के समय कोई भी लाभ के पद पर न हो |
[NOTE-संविधान में कहीं भी लाभ के पद को परिभाषित नहीं किया गया है इसे निर्धारित करने का अधिकार विधायिका को है]
->किसी भी सदन का सदस्य न हो|
शपथ
अनुच्छेद-60 में शपथ का उल्लेख किया गया हैं जिसके अंतर्गत
->राष्ट्रपति को पद की शपथ भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिलाई जाती हैं , यदि मुख्य न्यायाधीश अनुपस्थित हो तो इस स्थिति मे उच्चतम न्यायलय के वरिष्टतम न्यायाधीश के द्वारा दिलाई जाती हैं |
राष्ट्रपति पर महाभियोग
अनुच्छेद-61 में राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाए जाने कि प्रक्रिया का उल्लेख किया गया हैं|
->यह अमेरिका के संविधान से ली गई हैं|
->राष्ट्रपति पर महाभियोग तब चलाया जा सकता है जब उसने ‘संविधान का अतिक्रमण’ किया हुआ|
Impeachment procedure(महाभियोग प्रक्रिया) of the President of India
->संसद के किसी भी सदन द्वारा महाभियोग का प्रस्ताव पेश किया जा सकता हैं |
->जिस सदन के द्वारा महाभियोग का प्रस्ताव पेश किया जाता हैं उसके 1/4 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित आरोप पत्र राष्ट्रपति को 14 दिन पहले देना आवश्यक होता हैं|
->जिस सदन के द्वारा महाभियोग प्रस्ताव पेश किया जाता है वही सदन अपने कुल सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से यदि महाभियोग प्रस्ताव को पारित कर दे तो महाभियोग का पहला चरण पूरा हो जाता है|
->जब संसद का पहला सदन महाभियोग प्रस्ताव पारित कर देता है तो दूसरा सदन आरोपों की जांच करता है दूसरा सदन जांच या तो स्वयं करता है या किसी न्यायालय या न्यायाधिकरण से कराता है|
->राष्ट्रपति को इस जांच में स्वयं उपस्थित होकर या अपने वकील के माध्यम से अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अधिकार है|
->यदि जांच के बाद दूसरा सदन अपनी सदस्य संख्या के दो तिहाई बहुमत से पहले सदन द्वारा पारित महाभियोग प्रस्ताव का अनुमोदन कर देता है तो महाभियोग की प्रक्रिया पूरी समझी जाती है तथा उस तिथि से ही राष्ट्रपति को अपना पद छोड़ना पड़ता है|
->आज तक किसी भी राष्ट्रपति के विरुद्ध न तो महाभियोग प्रस्ताव लाया गया हैं और न ही पारित किया गया हैं|
अनुच्छेद-62 में राष्ट्रपति पद के खाली होने का उल्लेख किया गया हैं ,
राष्ट्रपति का पद विभिन्न परिस्तिथिओं में खाली होता हैं ……
(1) कार्यकाल पूरा होने पर
(2) त्यागपत्र देने पर
(3) मृत्यु होने पर
(4) महाभियोग द्वारा
(5) निर्वाचन रद्द हो जाने पर
->कार्यकाल समाप्त होने पर राष्ट्रपति तब तक अपने पद पर बने रहेंगे जब तक नए राष्ट्रपति की नियुक्ति नहीं हो जाती हैं |
->राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र लिखित रूप से उपराष्ट्रपति को संबोधित करके दे सकता है किंतु उपराष्ट्रपति को इसकी सूचना लोकसभा अध्यक्ष को देनी होगी|
->यदि किसी कारणवश राष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाता है तो उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा और उसी दौरान यदि उपराष्ट्रपति का भी पद रिक्त हो जाता है तो सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा|
->राष्ट्रपति की रिक्त पद छह महीने के अन्दर भरना होता हैं |
Important Note:
->भारत के मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद हिदायतुल्लाह कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर चुके हैं|
->भारत के उपराष्ट्रपति डॉ. वी.वी. गिरि एवं बी. डी. जत्ती कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर चुके हैं|
->डॉ. जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद ऐसे दो राष्ट्रपति हैं, जिनकी मृत्यु कार्यकाल के दौरान हुई|
->नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध निर्वाचित होने वाले भारत के एकमात्र राष्ट्रपति हैं|
->वी. वी. गिरि एक मात्र ऐसे राष्ट्रपति है, जिनके निर्वाचन में द्वितीय चरण की मतगणना करनी पड़ी |
->डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद एक मात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें दो बार भारत का राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ है|
->भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल है|
->डॉ. एस. राधाकृष्णन, डॉ. जाकिर हुसैन, वी. वी. गिरि, आर. वेंकटरमन, डॉ. शंकर दयाल शर्मा और के. आर. नारायणन ऐसे राष्ट्रपति हैं जो उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं|
अनुच्छेद-71 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में हुए विवादों की जांच का उल्लेख है|
->राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति चुनाव में हुए विवादों की जांच सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की जाएगी|
->यदि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चुनावों को अवैध घोषित कर दिया जाए तो उस दौरान किए गए कार्य वैध रहेंगे|
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